vinay singh
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ह्रदय रहे भरा सदभावों से |
दूर रहे सब बाँधावों से ||
आयें चाहे विपदाएं |
अग्नि पथ से न घबराएँ ||
रहे सलामत शान, चेहरे पर सदा मुस्कान चाहिए |
मुझे गाँधी के सपनो का ऐसा हिन्दुस्तान चाहिए ||
सारे मुस्लिम, सारे हिन्दू |
बनें एक दूजे के सच्चे बंधू ||
मजहब की माटी में न फूटे दंगा |
लहरे सदा गंगा और तिरंगा ||
रहे एकता कायम, न दूजा पकिस्तान चाहिए |
मुझे गाँधी के सपनो का ऐसा हिन्दुस्तान चाहिए ||
भूलें मंदिर- मस्जिद के लफड़े |
करें गहरी मानवता की जड़ें ||
रहीम की हो पूजा, इबादत राम की |
ऐसी भावना बने हर साधू हर इमाम की ||
ईद में होली, नवरात्र में पवित्र रमजान चाहिए |
मुझे गाँधी के सपनो का ऐसा हिन्दुस्तान चाहिए ||
सप्रेम……. विनय सिंह, प्रवक्ता- भौतिक विज्ञान , 09926522350
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