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तो कांग्रेस सांप्रदायिक क्यों नहीं ?

vinay singh
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कांग्रेस की वर्तमान छीछालेदर जग जाहिर है दूसरी बार जनता ने जो उसके पक्ष में जनादेश दिया था तो उसकी अपेक्षाए यही रही होंगी की देश भ्रष्टाचार आतंकवाद , सम्प्रदायवाद , मंहगाई से मुक्ति पाए , लेकिन कांग्रेस इन सब के आगे घुटने टेक दी दस साल के कार्यकाल को बिताना इसके लिए टेढ़ी खीर साबित हों रही है , कांग्रेस पूरी तरह से थक चुकी है | सत्ता का बोझ उससे ढ़ोया नहीं जा रहा है | जनता को चुस्त – दुरुस्त सरकार चाहिए व तेज तर्रार प्रधान मंत्री भी | मनमोहन सिंह ने सभी भ्रष्टाचार के खिलाफ जो निष्क्रियता दिखाई है यह एक प्रधानमंत्री के नकारात्मक पहलू की तरफ इंगित करता है | देश इस निष्क्रियता को सहन नहीं करेगा | सीधा – साधा पढ़ा लिखा होना प्रधान मंत्री की योग्यता नहीं है | काग- चेष्ठा , बकोध्यानं उसकी एक अनिवार्य योग्यता है जो की हमारे प्रधान मंत्री में नहीं दिखती | उन्हें नितीश कुमार से सबक लेना चाहिए उनकी सक्रियता,प्रतिबद्धता, ईमानदारी भेद – भाव रहित विकास की राजनीति से आज के राजनेताओं को सीख लेनी चाहिए | नीतीश सरीखा व्यक्तित्व की मांग सिर्फ बिहार की जनता की ही नहीं अपितु सारे राष्ट्र की है | कांग्रेस को भाजपा से भी सबक लेना चाहिए जो की हिन्दुवाद की डोर से सत्ता पर काबिज होना चाहती थी लेकिन विकास वादी, शांति – वादी जनता ने उसे सत्ताच्युत कर दिया | जिस प्रकार कांग्रेस के आला नेता मुस्लिम तुष्टिकरण में लगे हुए हैं यह उनकी पार्टी तथा देश के लिए खतरे की घंटी है | देश का मुसलमान अपने को किसी का वोट बैंक के रूप में नहीं देखना चाहता उनको भी शांति , विकास और शिक्षा तथा सुरक्षा चाहिए |

बिहार के चुनावों ने मुसलमानों के रुख को स्पष्ट कर दिया तथा भाजपा को जिताकर अपनी इस बात पर मुहर लगा दी | इससे यह बात साफ़ है की जो उनको भड़काने का प्रयास करेगा तो देश के मुसलमान उसका वाही हश्र करेंगे जो उन्होंने बिहार में कांग्रेस का किया | यह सोच सिर्फ मुसलमानों की नहीं अपितु हिन्दुओं की भी है | मंदिर के नाम पर वोट मांगने वाली पहले की भाजपा उत्तर प्रदेश तथा देश की राजनीति से बहार हो गयी लेकिन विकास के नाम पर वोट मांगने वाली मध्य – प्रदेश छत्तीसगढ़ तथा बिहार की भाजपा से केंद्रीय भाजपा नेता सबक लें |

देश के हिन्दू – मुसलमानों का मिजाज राम जन्मभूमि बाबरी मस्जिद के हाई कोर्ट के ऐतिहासिक फैसले से लगाया जा सकता है | ऐसे कयास लगाये जा रहे थे कि हिन्दू – मुस्लमान दंगे भड़केंगे , सुरक्षा देश में चाक – चौबंद कर दी गयी | लेकिन देश के समझदार हिन्दू – मुस्लिम संयम का परिचय देते हुए , देश की एकता अखंडता कायम होने का सन्देश दिया | ऐसा संयम देखकर कुछ एक नेता सकपका से गए , विशेषकर मुलायम सिंह यादव जो कि हाई कोर्ट के फैसले को आस्था के आधार पर बता करके मुसलमानों को भड़काना चाहे | लेकिन मुस्लिम संगठनों के विरोध के उपरांत उनकी सिट्टी – पिट्टी गुम हो गयी | कांग्रेस नेता मुस्लिमों के विकास , अमन-चैन के मिजाज को अभी भी लगता है कि भांप नहीं पाए है |

यदि ऐसा न होता तो दिग्विजय सिंह शहीद हेमंत करकरे के बारे में हिन्दुओं को बदनाम करने का असफल प्रयास न करते | कांग्रेस के कथित भविष्य राहुल गाँधी के बारे में जो विकिलीक्स ने घोषणा की कि हिन्दू कट्टरपंथ के लिए खतरा है | इससे मुस्लिम तुष्टिकरण की झलक स्पष्ट दिखती है |
आतंक का कोई मजहब नहीं होता , आतंकी न हिन्दू न मुसलमान होते हैं उनका सिर्फ एक ही मजहब है आतंकवाद , खून – खराबा | भारत के मुसलमानों को भी क्या मुस्लिम आतंकी पसंद है कदापि नहीं | उनकी नजर में भी आतंकवाद सिर्फ आतंकवाद है इसको किसी धर्म से जोड़ना बिलकुल गलत है | लेकिन राहुल गाँधी देश के मुसलमानों को बरगलाने का असफल प्रयास जो कर रहे हैं वह निंदनीय है | यदि भाजपा हिन्दुओं की राजनीति करके सांप्रदायिक करार दी जाती है “तो क्या सेकुलरवाद की नकली चादर ओढ़े कांग्रेस मुस्लिम तुष्टिकरण की ओछी हरकत से सांप्रदायिक नहीं हुई “ ?

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