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नब्बे के दशक से मैं मुख्यमंत्री तथा उसकी भूमिका जानने लायक हुआ |सन नब्बे से अब तक जितने मुख्यमंत्री हुए उनमें कल्याण सिंह व राजनाथ सिंह अभूतपूर्व थे| कम से कम बीजेपी के इन दोनों मुक्यमंत्रियों ने शिक्षा को बढ़ावा देने का प्रयास किया जो आज कल यूपी में खस्ताहाल है |यदि किसी राज्य की शिक्षा प्रणाली दुरुस्त हो जाये तो उस राज्य में आधी से ज्यादा समस्याए खुद बा खुद सुलझ जाती हैं और अच्छी शिक्षा से जनित लोगो के स्वाभिमान व ईमानदारी से बाकी की समस्यायों से निपटा जा सकता है|यूपी ,बिहार से औसतन शिक्षा व समृद्धि के लिहाज से आगे ही है |लेकिन यहाँ के लोगों ने अपनी सोच में परिवर्तन करके जो धनात्मक बढ़त ली है ,यूपी की जनता को उसका अनुसरण करना चाहिए |एस परिवर्तन का श्रेय नीतीश कुमार जी को जाता है |वह एक पथ प्रदर्शक के रूप में आयेऔर वहां के लोगों को बताया कि स्वाभिमान ,शिक्षा ,सुरक्षा व विकास क्या होता है ?विहार के विकास का रथ जो घोटालों गुंडागर्दी जातीयता आदि के गंदे कीचड़ में फंसा था वो अब इन सब से मुक्त होकर के नीतीश जैसे सारथी के दिशा – निर्देशन में सरपट दौड़ रहा है |
अब यूपी भी बहुत जातिवाद घूसखोरी गुंडागर्दी ,भ्रस्टाचार से मुक्ति चाहता है |एस कार्य को अंजाम तक पहुंचा सकती तो वहां की जनता |यहाँ की ज्यादातर जनता में सच्चाई ,स्वाभिमान सब ख़तम हो चुकें है |नकारात्मक तरीके से आगे बढ़ने की बृति बढ़ती जा रही है |इसके लिए मैं जनता को कसूर वार नहीं मानता |इसके लिए यदि कोई जिम्मेदार है तो यहाँ का नेतृत्व यानी मुख्यमंत्री मायावती |दलितों की स्वघोषित मसीहा के राज में दलितों को कोई आर्थिक ,शैक्षिक व सामाजिक उन्नति नहीं हुयी |उनको तो धन संचय के आलावा कुछ नहीं सूझ रहा है |हर दफ्तर के क्लर्क से लेकर आला अफसर तक घुसखोरी में लिप्त हैं |जनता का कोई कार्य बिना घूस के नहीं हो रहा है आजादी के बाद इतना ज्यादा भ्रष्टाचार शायद किसी मुख्यमंत्री के काल में हुआ होगा |चूँकि भ्रष्टाचार ऊपर से चलता है इसलिए प्रत्यक्ष रूप से प्रदेश की मुखिया इस कार्य में लिप्त हैं |प्रदेश में शिक्षा व्यवस्था ,बिजिली आपूर्ती ,खस्ताहाल सड़कों का आकलन यदि किया जाये भारत के सभी राज्यों में यूपी नीचे से पहले नंबर पर होगा |मायावती दलितों ,गरीबों की छद्मवेशी रहनुमा हैं |इन्हे तो उनके बदहाल जिन्दगी से कोई वास्ता नहीं है |वास्तव में ये उनकी समस्यायों से रूबरू ही होंगी क्योंकि ये एक अति सामान्य दलित परिवार से हैं |जनता इनको इस अर्श तक इसलिए नहीं पहुँचाया कि फर्श पर रहने वाले लोंगो के दुःख दर्द को भूलकर हिटलर शाही करें |उच्च जाति के मफियायों को टिकट तथा दलितों के वोट बैंक से सोशल इंजीनियरिंग परिभाषित नहीं हो जाती है |इसका फार्मूला उन्हें नीतीश जी से सीखनी चाहिए |मूर्तियों व पार्कों के नाम पर जो जनता का पैसा बहाया गया ,यदि वही गरीबों के घर ,शिक्षा पर किया जाता तो निःसंदेह उनकी दशा नयी दिशा के तरफ होती |मायावती के भ्रष्ट राज के बारे में वर्णन के शब्द अनंत हैं जहाँ तक पहुंचा नहीं जा सकता |
कांग्रेस का हाल किसी से छुपा नहीं है |खाद्य पदार्थों व पेट्रोल की कीमतों में बेतहाशा बृद्धि से आमजन में त्राहि त्राहि है |भ्रष्टाचार व घोटालों के दलदल में फँसी कांग्रेस से यूपी के विकास की कल्पना करना औचित्य हीन है |मुलायम सिंह यादव का कार्यकाल कमोवेश मायावती जैसा ही रहा |आज उनकी सपा यादव महासभा के रूप में परिवर्तित हो गयी है |
प्रदेश के विकास की आस सिर्फ बीजेपी से की जा सकती है |प्रदेश को शिवराज सिंह ,नीतीश कुमार जैसे ईमानदार , विकास पुरुषों की जरूरत है |मैं इस मंच के माध्यम से बीजेपी से अनुरोध करता हूँ कि ऐसे कर्मठ नेता यूपी को दे जो यहाँ के लोगों में सोया स्वाभिमान,ईमानदारी फिर से जगा सके तथा अपने पथ प्रदर्शन से उत्तर प्रदेश को उत्तम प्रदेश बना सके |यही माया राज के खिलाफ शंख नाद का सही समय भी है|
उचित प्रतिक्रिया का आकांक्षी –विनय सिंह जौनपुर
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